वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, सीसीडी के थे मालिक




कैफ़े कॉफ़ी डे’ यानी सीसीडी के संस्थापक मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव बरामद किया गया है. वो पिछले दो दिनों से ग़ायब थे.
सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह 6 बजे नेत्रावती नदी के ब्रिज के पास मिला. स्थानीय मछुआरों ने ही शव को खोजा जहाँ से वो ग़ायब हुए थे.
मंगलुरु के पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने कहा कि सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह छह बजे के आसपास हुइगेबाज़ार के पास बरामद हुआ है.पाटिल ने कहा कि शव हुइगेबाज़ार के पास सुबह तैरता हुआ दिखा था जिसे मछुआरों ने तट पर लाया.
पुलिस कमिश्नर ने कहा, ”वो परिवार वालों का इंतज़ार कर रहे हैं कि शव की पहचान कर पुष्टि करें. शव को हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है.”
सिद्धार्थ भारत में कैफ़े कॉफ़ी डे के सबसे बड़े रीटेल चेन के मालिक थे. बीबीसी हिन्दी से कर्नाटक के पूर्व मंत्री यूटी खादर ने कहा कि शव को जांच के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है. खादर पूरी रात सिद्धार्थ की तलाश में लगी टीम के साथ काम कर रहे थे.

खादर ने कहा, ”चेहरे पर ख़ून के हल्के निशान हैं लेकिन कोई चोट नहीं दिख रही है. डॉक्टर ही जांच के बाद ही कुछ बता पाएंगे.”
सिद्धार्थ सोमवार शाम सात बजे से ग़ायब थे. उन्होंने अपने ड्राइवर से नदी के पुल पर गाड़ी रोकने को कहा था. ड्राइवर से उन्होंने कहा था कि वो पुल पर दूर तक टहलना चाहते हैं. आधे घंटे बाद भी जब वो पार्क की गई कार के पास नहीं आए तो उन्हें फ़ोन किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद से बेंगलुरु में परिवार वाले हरकत में आए.
वीजी सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद थे.
पुलिस ने इस बात की भी पुष्टि की है कि सूइसाइड नोट की तरह जो एक पत्र मिला है वो सिद्धार्थ का ही था. इस पत्र में सिद्धार्थ ने कैफ़े कॉफ़ी डे फ़ैमिली और निदेशकों को संबोधित किया था.


पत्र में सिद्धार्थ ने लिखा था, ”मैं लंबे समय से जूझ रहा हूं लेकिन अब संभव नहीं है. मैं अब प्राइवेट इक्विटी पार्टनर और अन्य क़र्ज़दाताओं का दबाव नहीं झेल सकता. इनकम टैक्स के एक महानिदेशक से भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ है.”

हालांकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए पत्र की सत्यता पर संदेह जताया था. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पत्र पर बेमेल हस्ताक्षर की बात कही थी.


सिद्धार्थ ने इस पत्र में पैसे की कमी की बात कही थी. इस पत्र में सिद्धार्थ ने लिखा था, ”सभी तरह की ग़लतियों के लिए मैं ज़िम्मेदार हूं. मेरा इरादा कभी धोखे का नहीं रहा. मुझे उम्मीद है कि एक न एक दिन आप इस चीज़ को समझेंगे.

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