शिवलिंग पर 21 बिल्व पत्र चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करे
अभी सावन चल रहा है और इसे शिवजी का प्रिय माह माना जाता है। इन दिनों में शिवजी की विशेष पूजा करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार प्राचीन काल में माता सती ने अपने पिता दक्ष के हवन कुंड में अपनी देह त्यागी थी। इसके बाद माता ने पर्वत राज हिमालय के यहां पार्वती के रूप में जन्म लिया। माता पार्वती ने शिवजी को पुन: पाने के लिए सावन माह में ही कठोर तप किया था। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने पार्वती की मनोकामना पूरी की और उनसे विवाह किया था। सावन में ही भोलेनाथ ने पत्नी के रूप में पार्वती को प्राप्त किया था। इसी वजह से शिवजी को ये माह विशेष प्रिय माना जाता है।