ईद से पहले पाकिस्तान में मचा हाहाकार, महंगाई ने तोड़ी जनता की कमर



ईद से पहले पाकिस्तान की जनता को झटका लगा है। पाकिस्तान में महंगाई ने आसमान छू लिया है। खाने-पीने के चीजों से लेकर रोजमर्रा के सामान तक, पाकिस्तान की जनता बढ़ते दामों से परेशान है। अब पाकिस्तान में हवाई सफर भी महंगा हो गया है।  हवाई सफर में 41 फीसदी की बढ़ोतरी बता दें कि पाकिस्तान की कंपनियों ने हवाई किराए में 41 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इन कंपनियों में पड़ोसी मुल्क की सरकारी विमान सेवा प्रदाता पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) समेत अन्य कई कंपनियां शामिल हैं। दरअसल डॉलर के मजबूत होने से और हवाई ईंधन के दाम बढ़ने से किराये में यह बढ़ोतरी की गई है।

पीआईए का लाहौर से कराची आने-जाने का विमान किराया 31 हजार रुपये हो गया है, जबकि एयरब्लू का किराया 32,500 रुपये है। वहीं सेरेना एयर पाकिस्तान का किराया अब 39,500 रुपये है। पहले यह किराया करीब 28 हजार रुपये था। ईद से पहले हुई बढ़ोतरी से पाकिस्तान की जनता के लिए परेशानी बन गई है।  दूध के दाम 180 रुपये प्रति लीटर इसके अलावा खाने-पीने की वस्तुएं भी महंगी हुई हैं। दूध का दाम 180 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इससे जहां एक तरफ बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है, वहीं चाय की चुस्की भी लोगों को मय्यसर नहीं हो पा रही है। सेब चार सौ रुपये प्रति किलो और मटन 1100 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है। इससे लोगों की कमर टूट गई है।


खाने-पीने की चीजें भी हुई महंगी रमजान के महीने में खाने-पीने की इन चीजों की ज्यादा मांग है, इसलिए लोग परेशान हैं। मार्च के मुकाबले मई में प्याज 40 फीसदी, टमाटर 19 फीसदी और मूंग की दाल 13 फीसदी ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं। गुड़, शक्कर, फल्लियां, मछली, मसाले, घी, चावल, आटा, तेल, चाय, गेंहू की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ गई हैं। लोग कर रहे सरकारी नीतियों को विरोध पाकिस्तान की जनता में महंगाई को लेकर काफी रोश है। लोग सोशल मीडिया पर खुलकर सरकार की नीतियों को विरोध कर रहे हैं। बाजार पर रिसर्च करने वाली स्थानीय संस्थाओं के मुताबिक ऑटो, सीमेंट और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उद्योगों के कच्चे माल के आयात की कीमतें बढ़ेंगी। इससे उपभोक्ता पर भार बढ़ेगा। एक रिसर्च सेंटर का कहना है कि अब इस स्थिति पर रोक लगनी चाहिए।  29 फीसदी कमजोर हुआ पाकिस्तानी रुपया व्यापारियों का बाजार पर से विश्वास उठ रहा है। पाकिस्तानी रुपया मई में 29 फीसदी कमजोर हुआ है। इसके साथ ही यह एशिया की 13 अहम मुद्राओं में सबसे कमजोर मुद्रा बन गई है। एक डॉलर का मूल्य करीब 150 पाकिस्तानी रुपये हो गया है।

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चिड़ियाघर की दीवारों के पीछे जानवरो का नर्क

आप बचपन मे चिड़ियाघर जरूर गए होंगे। वहाँ विविध जानवरो को देखने का लुफ्त भी आपने जरूर उठाया होगा। लेकिन चिड़ियाघरो के जानवर भी क्या आपको देख के ख़ुश होते है ? या उनके लिए यह एक यातनागृह मात्र ही है। आइए आपको चिड़ियाघरों में जानवरों की दयनीय हालत से रूबरू करवाते है।

1. इंडोनेशिया के सुराबाया चिड़ियाघर में ज़िराफ़ के पेट मे 30 किलो प्लास्टिक निकला। प्लास्टिक में अधिकतर चिड़ियाघर घूमने आए दर्शकों के चिप्स रैपर्स मिले।

2. पानी मे रहने वाले जीव पानी मे तरंगों को अनुभव करते है, चिड़ियाघर में उनको लगातार उच्च तरंग वाले मौहाल में रखा जाता है। इस तनाव की वजह से कई डॉल्फिन पानी से बाहर निकल कर आत्महत्या भी कर चुकी है। आपको बताते चले कि डॉल्फिन को विज्ञान में एक अति समझदार जीव माना गया है।

3. अधिकतर जानवरो को उनके मूल पर्यावरण से बिल्कुल विपरित पर्यावरण में रखा जाता है। हिम तेंदुआ और अन्य बर्फ़ीले इलाको में रहने वाले जानवरो को कम ठंडे स्थान पर रखा जाता है, जिससे वो हमेशा बेचैन रहते है।

4. चिड़ियाघर में रखे गए जानवर अकेलेपन का शिकार रहते हैं। हांथी और कई अन्य जानवर अपने समूह में ही रहना पसंद करते है लेकिन चिड़ियाघर में उनको पूरी जिंदगी अकेले ही एक बन्द बाड़े में बितानी पड़ती है।

 

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