नेपाल ने भारत की सब्जी लेने से किया इनकार, बॉर्डर पर फंसे सैकड़ों ट्रक

नई दिल्ली : नेपाल सरकार ने भारत से जाने वाली सब्जियों और फलों को खरीदने पर रोक लगा दी है. नेपाल की नई व्यवस्था के तहत काठमांडू में लैब टेस्ट के बाद ही भारतीय फलों और सब्जियों को एनओसी मिल सकेगी. एनओसी मिलने के बाद ही सब्जी की बिक्री की जा सकेगी. सब्जियों के लैब टेस्ट में खरा नहीं उतरने पर नेपाल के कस्टम विभाग ने सैकड़ों भारतीय ट्रकों को वापस कर दिया है.


औने-पौने दाम पर बेचे फल: भारत-नेपाल बॉर्डर पर सब्जियां और फल से लदे सैकड़ों ट्रक खड़े हुए हैं. कई ट्रक ड्राइवर औने-पौने दाम पर पर फलों और सब्जियों को बेच कर नेपाल से रवाना हुए हैं. महाराजगंज के जिलाधिकारी ने चिट्ठी लिखकर इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है.

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दिल्ली पुलिस 10 घंटे तक करती रही ‘चूहे की डेडबॉडी’ की निगरानी!

दिल्ली पुलिस द्वारा 10 घंटे तक ‘चूहे की डेडबॉडी’ की पहरेदारी करने का मामला सामने आया है. मामला दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके के गली नंबर 9 का है. शनिवार/रविवार की आधी रात को दिल्ली पुलिस के पीसीआर को कॉल मिली कि कई दिन से ग्राउंड फ्लोर के एक बंद कमरे से बहुत तेज बदबू आ रही है. किराएदार भी गायब हैं. बाहर से ताला लगा हुआ है. इसके बाद महज 10 मिनट में दिल्ली पुलिस की पीसीआर पहुंच गई.पुलिस ने सबको वहां से हटाया और कमरे को एक उचित दूरी पर बाहर से दिल्ली पुलिस की टेप से कवर दिया. पैनी निगरानी के लिए रात भर चार पुलिस वाले बिठा दिया गया. इस बीच किराएदार और मकान मालिक से संपर्क की कोशिश पुलिस करती रही. लोकल पुलिस ने फरेंसिक टीम को बुलाने की तैयारी कर ली.
बाद में पड़ोसियों से नंबर का पता लगाकर पुलिस ने मकान मालिक को कॉल किया. वो भी स्विच ऑफ था. इस पर पुलिस को किसी संगीन वारदात की आशंका होने लगी. पुलिस ने मकान मालिक और लापता किराएदार की खोजबीन शुरू कर दी. 10 घंटे तक कमरे की पुलिस घेराबंदी और पहरेदारी ने पूरे इलाके में खलबली पैदा कर दी. पुलिस अफसरों ने बताया कि फर्स्ट फ्लोर पर कुसुम परिवार समेत रहती हैं. वह मूल रूप से बरेली की हैं. जॉब करती हैं.


वहीं ग्राउंड फ्लोर मकान जिस शख्स का है, उसने किराए पर दिया हुआ है. किराएदार कभी दिखाई देता है, कभी कई दिन उसका अता पता नहीं रहता. न ही उसका आस-पड़ोस में किसी से ज्यादा मेलजोल रहता है. कई दिनों से ग्राउंड फ्लोर में बंद कमरे से बदबू महसूस हो रही थी. आसपास के लोग भी त्रस्त थे. मगर शनिवार को यह बदबू फैलने लगी. बदबू किसी को भी बर्दाश्त नहीं हो रही थी.
सुबह 8 बजे जैसे-तैसे मकान मालिक संपर्क में आया. उसने बताया कि जो किराएदार था, वो खाली करके चला गया. पुलिस ने मकान मालिक को चाबी लेकर बुलाया. ताला खोल कर पुलिस टीम अंदर गई. वहां कुछ पुराना सामान और कूड़ा दिखाई दिया. चारों तरफ से छानबीन के बाद पुलिस को अंत में एक मोटा मरा और सड़ा हुआ चूहा पड़ा मिला. चूहे की डेडबॉडी देख पुलिस ने राहत की सांस ली, वहीं लोग हंसने लगे. पिछले 10 घंटे की एक्सरसाइज के बाद पुलिस ने मालिक को साफ-सफाई कराने की हिदायत दी और वहां से रवाना हो गई.

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जब भीमसेना ने रोकनी चाही ट्रेन , फिर देखिए ड्राइवर ने क्या कर दिया.. 




सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा ST / SC एक्ट में किए संशोधन के परिणामस्वरुप देश के दलित समाज में जो आक्रोश आया है वो वाकई में निंदनीय है।


सुप्रिम कोर्ट द्वारा संशोधन किए जाने के विरोध में दलित समाज ने देश में भारी हिंसा मचा रखी है। विभिन्न शहरों में हो रही हिंसा में जान माल की भारी हानि हुई है , सरकारी संपत्ति को जलाया जा रहा है, लोगों ने सड़कों एंव रेलमार्गों को अवरुद्ध कर रखा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान सहित बहुत से राज्यों आंदोलनकारियों ने भारी हिंसा मचा रखी है। जो कि वाकई में निंदनीय है।



इसी बीच एक ऐसा वाकया सामने आया है कि जिसमें एक रेलगाड़ी के ड्राइवर ने इन हिंसक आंदोलनकारियों को बहुत अच्छा सबक सिखाया है। एक वायरल हो रही विडियो में भीमसेन के आंदोलनकारी हाथों में नीला झंडा लिए रेल्वे ट्रैक की तरफ बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, और ये भीमसेन के सभी आंदोलनकारी सामने से आती हुई रेलगाड़ी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

फिर तो मानो ऐसा लग रहा था कि अब ये भीमसेन के लोग इस ट्रेन को रोककर ही दम लेंगे और फिर रेलगाड़ी में तोड़फोड़ करेंगे। लेकिन ट्रेन के ड्राइवर ने भी इन लोगों को सबक सिखाने की शायद ठान ली थी। जब ड्राइवर ने बीच ट्रैक पर हिंसक आंदोलनकारियों की भीड़ देखी जो ट्रेन को रोकने की कोशिश कर रही थी, फिर ड्राइवर ने बिना रफ्तार कम किए एक लंबा सायरन मारते हुए ट्रेन को भीड़ की तरफ बहुत तेजी से ले आया, और सामने से आंधी की रफ्तार से आ रही ट्रेन को देखकर भीमसेन के हाथ पाँव फूल गए और सभी लोग ट्रैक पर से अपनी अपनी जान बचा के भाग लिए। ये मंजर वाकई में इन जैसे हिंसा वादियों के लिए एक सबक है।
भारत में शुरू से ही हिंदू धर्म को आपस में बांटकर राजनीतिक दल अपनी अपनी रोटियां सेकते आए हैं। और इसी वजह से आज हमारा देश कभी भी अराजकता के घेरे में आ जाता है, अब हम in सभी को समझदारी से काम लेना होगा, और अगर अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य चाहते हो तो अब मिलकर ही आगे बढ़ना होगा।


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ये है भारत का सबसे अमीर गांव, यहां सभी हैं करोड़पति




यूं तो भारत में बहुत करोड़पति लोग हैं, लेकिन आपको यह पता चले कि हिन्दुस्तान में एक गांव भी है जहां हर परिवार करोड़पति है। सुनने में अटपटा लगे लेकिन ये सच है।

bomja village tawang

अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में बोमजा गांव है, यही वो गांव है जहां सभी परिवार करोड़पति हैं। और तो और बोमजा गांव एशिया के सबसे अमीर गांवों में शामिल हो गया है। इसी वजह से ये गांव दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

bomja tawang




माजरा ये है – दरअसल इंडियन आर्मी गांव में तवांग गैरसन की एक और यूनिट स्थापित करना चाहती है, जिसके लिए रक्षा मंत्रालय ने जमीन के बदले वहां रह रहे सभी परिवारों को एक एक करोड़ से भी ज्यादा का मुआवजा दिया है।
खबर है कि कुल 200.056 एकड़ जमीन के बदले वहां के परिवारों को रक्षा मंत्रालय ने 40.8 करोड़ का चेक सौंपा है। अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गांव के परिवारों को यह रकम सौंपी है।

Tribal Dance in Bomja Village

बताते चलें कि तवांग से बोमजा गांव मात्र 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।



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