विश्व का सबसे बड़ा डाइनोसॉर ,वृहदकायासोरस (Bruhathkayosaurus), कभी भारत में विचरण करता था।

Bruhathkayosaurus

1980 के दशक के उत्तरार्ध में भारतीय पेलियोन्टोलॉजिस्ट एक रोमांचित खोज में जुटे हुए थे। इसी दशक की सुरुआत में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के निकट एक छोटे से गांव के उत्तर पश्चिमी भाग में उत्खनन के दौरान dinosaur के जीवाश्म मिले थे। इन्ही जीवाश्मों के अध्ययन की रिपोर्ट सन 1987 में दो वैज्ञानिकों , पी यादगिरी (P Yadagiri) एवं के अय्यास्वामी (K Ayyaswami) , ने प्रकाशित की जिससे पूरे विश्व के वैज्ञानिकों में कौतूहल जग गया। इस रिपोर्ट में जिस डाइनोसॉर की बात की जा रही थी उसका नाम इन दो वैज्ञानिकों ने वृहदकायासोरस (Bruhathkayosaurus) रखा जिसका संस्कृत भाषा में मतबल होता है विशाल शरीर वाला डाइनोसॉर। यह भारत में ही नही अपितु विश्व के सबसे बड़े डाइनोसॉर का अवशेष था , जो वैज्ञानिकों के अनुमान से 130 फुट लम्बा था और इसका वज़न 80 टन ton (80000 किलोग्राम kg) था। इसकी तुलना आप अगर बस से करे तो 3.5 बस एक साथ खड़ी करनी पड़ेंगी। इस जीवाश्म (fossil) के रेडियोएक्टिव डेटिंग ( radioactive dating) से पता चला की ये डायनासोर करीब 7 करोड़ ( 70 million years ) वर्ष पूर्व भारत में पाया जाता था। ध्यान रहे 7 करोड़ वर्ष पूर्व भारत एशिया का भाग न होके मेडागास्कर से जुड़ा हुआ एक विशाल प्रायद्वीप था। इस समय हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण भी नही हुआ था।


वृहदकायासोरस (Bruhathkayosaurus) एवं अन्य डाइनोसॉर जीवाश्म जो भारत में गुजरात , तमिलनाडु एवं राजस्थान में ज्यादा पाए जाते है वो अमूमन पूरे डाइनोसॉर काल में पाए जाते है ( जिसमे जुर्रासिक काल Jurassic Period) भी शामिल है।

Bruhathkayosaurus

वृहदकायासोरस (Bruhathkayosaurus) के जीवाश्म मानसून और रखरखाव की कमी की वजह से अब शेष नही है और इनका अध्ययन अब केवल 1980 से 2010 के बीच हुए जीवाश्म के आधार पे ही होता है।Bruhathkayosaurus

वृहदकायासोरस (Bruhathkayosaurus) वास्तव में टाइटनोसोरस ( titanosaur) फैमिली का एक डायनासोर था। Titanosaur के जीवाश्म लगभग हर महाद्वीप में पाए जाते है। ये सबसे बड़े शाकाहारी डायनासोर थे।

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चन्द्रमा पर दिखा एलियन शिप , आज तक की सबसे साफ़ तस्वीर

वर्तमान कोरोना महामारी के चलते अधिकांश लोग अपने घरो में कैद होके रह गए है| प्रदूषण भी कम हुआ है इस कोरोना काल में | इस स्थिति का फायदा कई amateur एस्ट्रोनॉमर्स अपने टेलीस्कोप से आसमान में आकाशीय पिंडो को देख कर कर रहे है | Jean-Michel Tenac भी एक ऐसे ही खगोलशास्त्री है जिन्होंने एक आश्चर्यजनक घटना को अपने टेलिस्कोप से रिकॉर्ड किया. जारी किये गए वीडियो में ३ अति विशाल UFO चाँद के ऊपर उड़ते देखे जा सकते है | UFO देखने की घटनाये असामान्य नहीं है लेकिन इस तरह के वीडियो में रिकॉर्ड होना एक कौतुहल जगाती है.

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149 साल बाद लगेगा साल का दूसरा चंद्रग्रहण, बरतें ये सावधानियां


सूर्य ग्रहण के बाद अब 16 जुलाई को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इस बार यह चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन 16 जुलाई को लगेगा. ऐसा दुर्लभ योग 149 साल बाद बन रहा है. इससे पहले साल 1870 में ऐसा दुर्लभ योग देखने को मिला था.
सूर्य ग्रहण के बाद अब 16 जुलाई को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इस बार यह चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन 16 जुलाई को लगेगा. ऐसा दुर्लभ योग 149 साल बाद बन रहा है. इससे पहले साल 1870 में ऐसा दुर्लभ योग देखने को मिला था. खास बात यह है कि इस बार यह चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. यह ग्रहण पूरे तीन घंटे तक रहेगा. 16 जुलाई 2019 की रात करीब 1.30 बजे से ग्रहण शुरू हो जाएगा. इसका मोक्ष 17 जुलाई की सुबह करीब 4.30 बजे होगा.


हिन्दू धर्म में ग्रहण को काफी महत्व दिया जाता है. हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं.
ग्रहण को लेकर प्रचलित कुछ नियम–
1-ग्रहण के दौरान अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिेए.
2-चंद्र ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद या इससे पहले स्नान कर लें.
3-ग्रहण को कभी भी खुली आंख से नहीं देखना चाहिए. इसका आंखों पर बुरा असर पड़ता है.
4-ग्रहण के समय मंत्रो का जाप किया जा सकता है.
ग्रहण पर लाभ पाने के लिए करें ये उपाय-
1-यदि घर में कोई लंबे समय से बीमारी है तो ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन आदि करने से से लाभ होता है.
2-चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो ‘ऊं चंद्राय नम:’ मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा.
3-ग्रहण के दौरान प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए, सोच को सकारात्मक रखना चाहिए.
4-चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
5-स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें.
6-जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करना चाहिए.

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